iPhone Users: Apple ने iPhone यूज़र्स के लिए चेतावनी जारी की है कि Google Chrome और Google App Device Fingerprinting तकनीक का इस्तेमाल कर आपकी ऑनलाइन प्राइवेसी को ट्रैक कर सकते हैं। इस ट्रैकिंग को बंद या ब्लॉक नहीं किया जा सकता।
Apple ने Safari को सबसे सुरक्षित ब्राउज़र बताते हुए कहा कि यह एडवांस्ड ट्रैकिंग प्रोटेक्शन, Private Browsing, लोकेशन डाटा प्रोटेक्शन और IP एड्रेस छिपाने जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है। iPhone यूज़र्स को सलाह दी गई है कि वे Safari का उपयोग करें, Private Browsing ऑन रखें और “Try App” लिंक पर क्लिक करने से बचें।
Device Fingerprinting क्या है और क्यों है इतनी खतरनाक तकनीक?
अक्सर यूज़र्स अपने iPhone में Cookies या Trackers को बंद कर देते हैं ताकि कोई वेबसाइट उनकी गतिविधि को ट्रैक न कर सके। लेकिन Apple का कहना है कि Google Chrome और Google App Cookies के बिना भी यूज़र्स को Device Fingerprinting के ज़रिए ट्रैक कर सकते हैं।
इस तकनीक में आपका iPhone कई छोटे-बड़े सिस्टम और हार्डवेयर सिग्नेचर के आधार पर पहचान लिया जाता है, जैसे—
- आपका iPhone मॉडल
- स्क्रीन का साइज़
- टाइमज़ोन
- नेटवर्क सेटिंग्स
- सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन
- इंस्टॉल्ड फ़ॉन्ट्स
- डिवाइस की भाषा
- IP पैटर्न
इन सभी डेटा पॉइंट्स को जोड़कर एक यूनिक डिजिटल पहचान तैयार हो जाती है, जिसे आप कभी बदल नहीं सकते।
Safari में “Try App” लिंक से दूर रहें
Apple ने iPhone यूज़र्स को एक और चेतावनी दी है। Safari में दिखने वाले “Try App” लिंक पर क्लिक न करें।
ये लिंक अक्सर Safari से सीधे Google App को खोल देते हैं। Apple के मुताबिक, Google App बैकग्राउंड में डेटा कलेक्ट कर सकता है, आपकी लोकेशन बिना नोटिस लिए रिकॉर्ड हो सकती है, ऐप एक्टिविटी ट्रैक हो सकती है और अतिरिक्त यूज़र बिहेवियर डाटा सेव किया जा सकता है। Apple का दावा है कि Google App कई बार silent data collection करता है, यानी यूज़र को पता भी नहीं चलता कि कौन-सा डेटा शेयर हो रहा है।
Safari और Chrome में कौन देता है बेहतर प्राइवेसी?
Safari की प्राइवेसी फीचर्स:
- एडवांस्ड मशीन लर्निंग से ट्रैकर्स ब्लॉक
- Private Browsing में URL से ट्रैकिंग पैरामीटर हटाता है
- सर्च इंजनों के साथ लोकेशन डेटा शेयर नहीं करता
- IP Address को ट्रैकर्स से छिपाता है
- एक्सटेंशन को डिफ़ॉल्ट रूप से सीमित एक्सेस
- Device Fingerprinting को रोकता है
- Secure Paste Protection
- Cross-site tracking ब्लॉक
Chrome में Apple ने बताई ये कमियाँ:
- फिंगरप्रिंटिंग ब्लॉकिंग डिफ़ॉल्ट रूप से ऑन नहीं
- Private browsing उतनी प्राइवेसी नहीं देती
- ट्रैकर्स के लिए ज्यादा खुली परमिशन
- एक्सटेंशन को अधिक डेटा एक्सेस
- कई ट्रैकिंग सेटिंग्स यूज़र को खुद ऑन करनी पड़ती हैं

Apple vs Google प्राइवेसी वॉर क्यों और बढ़ी?
पिछले कुछ वर्षों से Apple लगातार प्राइवेसी को अपनी सबसे बड़ी USP के रूप में मार्केट कर रहा है। दूसरी ओर Google की कमाई का बड़ा हिस्सा यूज़र डेटा और विज्ञापनों पर निर्भर करता है। यही दोनों कंपनियों के बीच सबसे बड़ा मतभेद है।
Apple का यह नया बयान स्पष्ट संकेत देता है कि Apple अपने यूज़र्स को Google के इकोसिस्टम से दूर रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। Chrome और Google App पर लगाए गए आरोप उसी रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं। हालांकि Google ने अब तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
iPhone यूज़र्स के लिए Apple की आधिकारिक सलाह
Apple ने iPhone यूज़र्स के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं ताकि वे अपनी प्राइवेसी को सुरक्षित रख सकें।
1. Safari का उपयोग करें
Safari iPhone के लिए अधिक सुरक्षित और प्राइवेसी-केंद्रित ब्राउज़र है।
2. Private Browsing Mode ऑन रखें
इससे ट्रैकिंग पैरामीटर हट जाते हैं।
3. अनजान “Try App” लिंक पर क्लिक न करें
ऐसे लिंक Google App खोल सकते हैं और डेटा ट्रैक कर सकते हैं।
4. ब्राउज़र एक्सटेंशन को सीमित एक्सेस दें
केवल आवश्यक एक्सटेंशन को अनुमति दें।
5. ऐप परमिशन की नियमित जांच करें
लोकेशन, माइक्रोफोन या नेटवर्क एक्सेस पर निगरानी रखें।
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