भारत का सबसे बड़ा Hinglish AI मॉडल NANDA 87B लॉन्च, AI इकोसिस्टम में रचा नया इतिहास

NANDA 87B AI Model: भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। G42 द्वारा आधिकारिक रूप से NANDA 87B AI मॉडल लॉन्च कर दिया गया है, जो अब तक का भारत का सबसे बड़ा और सबसे एडवांस्ड Hinglish (Hindi-English) Large Language Model है। इस बड़ी घोषणा ने भारत को ग्लोबल AI मैप पर और भी मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है।

इस लॉन्च की जानकारी पूर्व Xiaomi इंडिया प्रमुख Manu Kumar Jain ने अपने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट पर साझा की, जिससे इस प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता और अहमियत और बढ़ गई। उनके पोस्ट के बाद से ही टेक इंडस्ट्री और AI कम्युनिटी में NANDA 87B को लेकर ज़बरदस्त चर्चा शुरू हो गई है।

क्या है NANDA 87B AI मॉडल?

NANDA 87B एक Open-Weights Large Language Model (LLM) है, जिसे खासतौर पर हिंदी, Hinglish और भारतीय संदर्भ को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस मॉडल में 87 Billion Parameters का इस्तेमाल किया गया है और इसे 65 Billion Tokens पर ट्रेन किया गया है। 

इतने बड़े पैमाने पर ट्रेनिंग के कारण यह मॉडल भारतीय भाषाओं की बारीकियों और यूज़र्स की बोलचाल को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम है। अब तक ज़्यादातर बड़े AI मॉडल अंग्रेज़ी-केंद्रित रहे हैं, जिससे भारतीय यूज़र्स को सीमित अनुभव मिलता था। NANDA 87B इसी कमी को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

किन संस्थाओं ने मिलकर किया डेवलप?

NANDA 87B को कई वैश्विक स्तर की AI संस्थाओं ने मिलकर विकसित किया है। इसमें प्रमुख रूप से MBZUAI (Mohamed bin Zayed University of Artificial Intelligence), Inception (G42 की AI कंपनी) और Cerebras Systems का योगदान शामिल है। इस मॉडल को Condor Galaxy Supercomputer पर ट्रेन किया गया है, जिसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली AI सुपरकंप्यूटर्स में गिना जाता है। यही वजह है कि NANDA 87B तकनीकी रूप से बेहद मजबूत और स्केलेबल मॉडल बनकर सामने आया है।

Hinglish और भारतीय भाषाओं के लिए क्यों खास?

भारत में करोड़ों लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शुद्ध हिंदी से ज्यादा Hinglish का इस्तेमाल करते हैं। अब तक AI मॉडल इस तरह की भाषा को ठीक से नहीं समझ पाते थे। NANDA 87B को खासतौर पर रोज़मर्रा की Hinglish, लोकल स्लैंग और एक्सप्रेशंस, भारतीय संस्कृति और सामाजिक संदर्भ को समझने के लिए ट्रेन किया गया है। यही कारण है कि यह मॉडल भारतीय यूज़र्स के लिए ज्यादा नेचुरल और उपयोगी साबित हो सकता है।

India-first AI ecosystem

छात्रों, क्रिएटर्स और बिज़नेस को कैसे मिलेगा फायदा?

NANDA 87B सिर्फ एक AI मॉडल नहीं, बल्कि India-first AI ecosystem की नींव है।

इससे अलग-अलग सेक्टर्स को बड़ा फायदा मिल सकता है:

  • Content Creators: Hinglish में ब्लॉग, वीडियो स्क्रिप्ट और सोशल मीडिया कंटेंट
  • Students & Educators: लोकल भाषा में AI आधारित लर्निंग टूल्स
  • Developers: India-centric AI ऐप्स और चैटबॉट्स
  • Businesses: भारतीय भाषाओं में कस्टमर सपोर्ट और ऑटोमेशन

Open-Weights मॉडल क्यों है अहम?

NANDA 87B एक Open-Weights AI मॉडल है, यानी डेवलपर्स और रिसर्चर्स इसे अपनी ज़रूरत के अनुसार कस्टमाइज़ कर सकते हैं। इससे AI इनोवेशन की रफ्तार तेज़ होगी, भारतीय स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा, विदेशी AI मॉडल्स पर निर्भरता कम होगी। यह कदम भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।

भारत के लिए क्यों ऐतिहासिक है NANDA 87B?

NANDA 87B यह साबित करता है कि भारत सिर्फ AI का उपभोक्ता नहीं, बल्कि AI लीडर बनने की क्षमता भी रखता है। यह मॉडल भारतीय भाषाओं को AI की मुख्यधारा में लाता है और ग्लोबल AI रेस में भारत की मजबूत मौजूदगी को दर्शाता है। आने वाले समय में NANDA 87B का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं, शिक्षा, हेल्थटेक और डिजिटल इंडिया मिशन में बड़े स्तर पर किया जा सकता है।

Manu Kumar Jain ने क्या कहा?

NANDA 87B के लॉन्च को लेकर Manu Kumar Jain ने X (Twitter) पर कहा कि भारत को ऐसा AI चाहिए जो विश्व-स्तरीय हो, ओपन हो और हिंदी, Hinglish सहित भारतीय भाषाओं में संवाद कर सके। उनके इस बयान के बाद टेक इंडस्ट्री में इस मॉडल को लेकर जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई। 

NANDA 87B यह दिखाता है कि भारत अब केवल AI का उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि इनोवेशन में नेतृत्व करने की दिशा में बढ़ रहा है। भविष्य में इस मॉडल का इस्तेमाल सरकारी सेवाओं, शिक्षा, हेल्थटेक और डिजिटल इंडिया जैसे अहम क्षेत्रों में किया जा सकता है, जिससे भारतीय भाषाओं में तकनीक की पहुंच और प्रभाव दोनों बढ़ेंगे।

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Vishal Kumar

Vishal Kumar एक अनुभवी टेक लेखक और स्मार्टफोन एक्सपर्ट हैं, जिन्हें मोबाइल, स्मार्ट गैजेट्स, टेक्नोलॉजी, AI-सक्षम डिवाइसेज और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की गहरी समझ है। पिछले 7 वर्षों से Vishal लगातार टेक्नोलॉजी की दुनिया से जुड़ी बड़ी खबरों, रिव्यूज़ और एनालिसिस को एकदम आसान भाषा में पाठकों तक पहुँचाने का काम कर रहे हैं। Vishal का मानना है कि तकनीक को केवल एक्सपर्ट्स की चीज़ न मानकर, आम यूजर की जरूरत के मुताबिक समझना और समझाना चाहिए। यही कारण है कि वे अपने लेखों में केवल स्पेसिफिकेशन या फीचर्स नहीं, बल्कि यूज़र एक्सपीरियंस, वैल्यू फॉर मनी और लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस पर ज़ोर देते हैं।